Episodes
-
आग़ा शिराज़ी साहब वैसे तो नेक आदमी थे लेकिन उनको एक बीमारी थी कि हर बात के लिए उनके पास चार शेर होते थे. अगर आप कभी कहें कि मुझे दिल का दौरा पड़ रहा है और मैं मरने वाला हूं एंबुलेंस बुला दीजिए तो कहेंगे "बुलाता हूं लेकिन पहले मौत पर चार शेर सुन लीजिए" - सुनिये एक सनकी शायर की मज़ेदार कहानी स्टोरीबॉक्स में
-
ये जो सुबह सुबह बड़े शहरों में आप टिफिन कंधे पर लटकाए मल्टी नैशनल कंपनियों की शीशे की ऊंची-ऊंची इमारतों में दाखिल होते हुए देखते हैं, ये लोग ऑफ़िसों में पूरे दिन क्या करते हैं - जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ सुनिये 'दफ्तर का एक दिन' में
-
Missing episodes?
-
सिगरेट पीने वाले दो लोगों की दोस्ती तब होती है जब वो साथ में सिगरेट पीते हैं, वो दोस्ती पक्की तब होती है जब वो एक-दूसरे की सिगरेट पीने लगते हैं और पक्की दोस्ती जिगरी दोस्ती में तब बदलती है जब वो सिगरेट के चक्कर में आपस में झगड़ा करने लगते हैं - सुनिये "सिगरेट पीने वाले लोग" स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
-
लंदन में रहने वाले मुखर्जी साहब के पास एक डायरी थी जिसमें उन तमाम ख़ूबसूरत औरतों के नाम थे जो उनसे पिछले 15 सालों में मिली थीं. जब भी उनके पास कुछ फ़ुर्सत होती तो डायरी खोलते और लाइन से लिखे नामों पर फोन करने लगते. उन्होंने नामों के आगे ये भी लिख रखा था कि आखिरी बार बात हुई थी तो क्या बात हुई थी. फोन करते ही उसी बात से बात शुरु करते ताकि लगे कि पुरानी जान पहचान है. उस रोज़ भी वो कोई खास मसरूफ़ नहीं थे - सुनिये कहानी 'मुखर्जी साहब की डायरी' STORYBOX में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
-
दुनिया का हर पिता अपनी औलाद की खुशी के लिए तो जीता है. बच्चे की एक मुस्कुराहट के लिए खुद को थोड़ा-थोड़ा रोज़ खत्म करता है. सुनिये कहानी पापा की कलाई घड़ी, सिर्फ स्टोरीबॉक्स पर
-
चांद की सरकार को ये सिखाने के लिए कि कम मेहनत में ज़्यादा क्रिमिनल कैसे पकड़े जाएं, देश की सरकार ने अपने कर्मठ कर्मचारी इंस्पेक्टर मातादीन को चांद पर भेजने का फैसला किया. फिर क्या हुआ? जानने के लिए सुनिए हरिशंकर परसाई की लिखी कहानी ‘इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर’, स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ.
-
आदमी के कपड़े क्या उसकी शख्सियत तय करते हैं? कोई कहता है हां और कोई कहना है ना, तो भइय्या मैंने अपनी बीवी से लगाई शर्त और फटी पुरानी कमीज़ पहनकर चल दिये डॉक्टर साहब की क्लीनिक. क्या हुआ वहां, सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद कमर सिद्दीक़ी से 'मेरी पुरानी कमीज़' में.
-
उसकी नींद का कमरा अजीब-अजीब सपनों के काले पर्दों से ढका था. घबरा कर उठ जाना जाने नियति थी या आदत लेकिन हर बार यूँ पसीने से लथपथ घबराई सी हालत में उठने के बाद वह सबसे पहले अपना चेहरा देखने की कोशिश करती. जब भी वह जागती तब गाल पर, हथेलियों पर, कलाईयों पर अलग अलग से निशान मिला करते. सुंदर होना उसके लिए अभिशाप बन गया था. सुनिए सुष्मा गुप्ता की लिखी कहानी 'तुम्हारे पास कोई दास्तां है' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
-
किसकी बिरयानी सबसे बढ़िया? ये एक ऐसा सवाल है जिसको लेकर आए दिन हैदराबाद, लखनऊ और दिल्ली वाले आपस में तूतू-मैंमैं किया करते हैं. यही बहस एक दिन शुरु हो गयी मोहल्ले की चाय की टपरी पर जहां मौजूद थे एक हैदराबादी, एक लखनऊ और एक दिल्ली वाले. बहस में किस शहर की हुई जीत? सुनिए जमशेद कमर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स में
-
सामने वाली सीट पर बैठी उस लड़की को जब मैं देखने लगा तो काका बोले, "सुनो तुम मत देखो. मैं देख सकता हूं. इस देश में बूढ़े लोगों को प्रिवलेज मिला है कि वो किसी को भी देख सकते हैं लेकिन तुम मत देखो, तुम अभी जवान हो" पेश है सटायर के उस्ताद हरिशंकर परसाई की लिखी कहानी 'प्रेमी के साथ एक सफर'
-
पुराने लखनऊ में अकबरी गेट के पास चाय की दुकानों पर अख़बार पढ़ते दिखाई देने वाले चुस्सी पहलवान को इस बार नया शिगूफ़ा मिला. ज़मीन के नीचे दबी गड़ी हुई दौलत तलाशने का. सुनिए कहानी ‘स्टोरीबॉक्स’ में.
-
मुल्क में हालात खराब थे. हर तरफ नफरत की आग धधक रही थी. सोशल मीडिया पर दोनों तरफ से नाराज़गी साफ दिख रही थी. और ऐसे समय में समर्थ को अंसारी साहब के दरवाज़े पहुंचना था, उस गली में जहां उसका बचपन गुज़रा था, पर अब वो इलाका उसका 'अपना' नहीं रहा था. सुनिए पूरी कहानी 'नफरत ऑनलाइन' स्टोरीबॉक्स में.
-
वो सात साल का बच्चा स्कूल के अकेले कमरे में किससे बातें करता था? वो कौन था जो हमेशा उसके साथ रहता था लेकिन और किसी को दिखाई नहीं देता था? सुनिए कहानी 'मुझे मरे हुए लोग दिखते हैं' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
-
जब जेब में आखिरी अठन्नी बची तो मैं बाज़ार से बैंगन खरीद लाया लेकिन बावर्ची खाने में जब बीवी ने बैंगन को काटा तो उसमें उसे कुछ अजीब सा निशान दिखाई दिया जिसे ग़ौर से देखो तो लग रहा था 'अल्लाह' लिखा है - सुनिए स्टोरीबॉक्स में कहानी अल्लाह मियां का बैंगन
-
वो लड़का हर सवाल के सही जवाब देता था चाहे आप उससे इतिहास पर पूछिए या राजनीति पर, धर्म पर पूछिये या विज्ञान पर. उसे सब पता था लेकिन उस जीनियस लड़के की एक बचकानी ख्वाहिश भी थी जो कोई नहीं जानता था. सुनिये स्टोरीबॉक्स में कहानी - वो जीनियस लड़का
-
आशिक़ अली ने ईद का दिन चुना था अपनी मुहब्बत के इज़हार के लिए लेकिन क्या उन्हें मिल पाएगी मुहब्बत की ईदी? सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
-
अजनबी शहर में उस अजनबी औरत ने अचानक मेरे कान के पास आकर कहा, "सच जानना है तो मेरे साथ आइये" पता नहीं मैं उसकी खूबसूरती से मुतास्सिर था या उसके अंदाज़ से मैं उसके पीछे चल दिया - सुनिए चतुर्सेन शास्त्री की कहानी 'कलकत्ता की एक रात' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
-
जिलानी साहब के बेटे की सगाई में बड़ी दावत का इंतज़ाम था लेकिन ऐन वक्त पर जब लोग खाने का लुत्फ़ ले रहे थे तो पता चला कि कुछ लोग बिन बुलाए दावत में घुस आए हैं - कैसे पकड़ेंगे उन बिन बुलाए लोगों को जिलानी साहब - सुनिए स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
-
नब्बे के दशक की एक उदास प्रेम कहानी जिसमें तृष्णा और केशव ने प्रेम की एक नई परिभाषा गढ़ी जो सदियों तक याद की जाएगी. सुनिए रश्मि कुलश्रेष्ठ की लिखी कहानी 'शेष रहेगा प्रेम' का एक हिस्सा स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
-
एक ज़मीन जो अपनों का खून मांगती थी और उसके बदले में देती थी लहलहाती फसल. ज़मीन से पैदावार निकालने के इस लालच भरे खेल में बहा बेइंतिहा खून और काट कर डाल दी गयी अपनों की लाशें - सुनिए पूरी कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
साउंड मिक्सिंग: रोहन भारती - Show more