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  • भगवा ध्वज है अखिल राष्ट्र गुरु शत शत इसे प्रणाम।
    लेकर भगवा ध्येय मार्ग पर बढ़े चले अविराम॥

    वैदिक ऋषियों के यज्ञों की इसमें दिखती ज्वाला
    इसमें तो ऊषा ने अपना अरुण रंग है डाला।
    इसका दर्शन कल्मष हरता करता मन निष्काम॥लेकर ॥

    यह आर्यो की विजय पताका ऋषियों का वरवेश
    त्याग और शुचिता का देता सबको शुभ संदेश।
    लौकिक आध्यात्मिक उन्नति का उभय प्रेरणा धाम॥ लेकर॥

    गढ़ चित्तौड़ की जौहर ज्वाला इसमें जलती पाते
    देख इसे बलिदान अनेकों याद हमें हो आते।
    अर्जुन रथ और दुर्ग-दुर्ग पर फहरा यह अविराम॥लेकर ॥

    इसकी छाया में निराशा भीति कभी न सताती
    स्वर्णम गौरिक छटा हृदय में अमिट शक्ति उपजाती।
    फहरायेंगे दसों दिशा में यह पावन सुख धाम॥लेकर॥


  • नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

    त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम् ।

    नमस्कार मित्रो... इस पॉडकास्ट चैनल का धैय्य, संग गीत को सरल स्वरों में आप सभी संघ बंधुओ तक प्रस्तुत करना है। त्रुटियों को क्षमा कीजियेगा... धन्यवाद।।

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