Эпизоды
-
हनुमान चालीसा की सैंतीसवी चौपाई “जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाई।।” में तुलसीदास जी कहते है "हे स्वामी हनुमानजी। आपकी जय हो, जय हो, जय हो। आप मुझ पर कृपालु श्री गुरुजी के समान कृपा कीजिए।
तुलसीदास जी यहाँ केहना चाहते है की जीवन में और कोई योग्य गुरु न मिले तो हनुमान जी को गुरु और हनुमान चालीसा को ही मंत्र बना लीजिए।
-
Пропущенные эпизоды?